UP: मुजफ्फरनगर में एक और किसान आंदोलन का आगाज़, हजारों किसान अनिश्चितकालीन धरने पर, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप – Navjivan

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मुजफ्फरनगर में एक और किसान आंदोलन का आगाज़ हो गया है। भारतीय किसान यूनियन ने यहां शनिवार को तंबू भी गाड़ दिए हैं। हजारों की संख्या में किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। आंदोलन के आधार में खेती किसानी से जुड़े मुद्दे है। आंदोलन किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किया जा रहा है। राकेश टिकैत ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है और आंदोलन को गाजीपुर बॉर्डर से भी लंबा चलाने की बात कही है। आंदोलन की शुरुआत से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपतराय की मूर्ति को माला पहनाकर और उन्हें नमन किया।
भारतीय किसान यूनियन का धरना प्रदर्शन के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान चल रहा है। इसके साथ ही बीकेयू की गन्ना बकाया भुगतान, आवारा पशु और किसानों की प्रमुख समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर बेमियादी आंदोलन शुरू हो गई है। किसानों के भारी संख्या में यहां पहुंचने का सिलसिला शनिवार सुबह से ही शुरू हो गया था। दोपहर बाद भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी लाव लश्कर के साथ यहां पहुंचे और किसानों से आरपार की लड़ाई के लिए कमर कसने का आह्नान किया। इसके साथ ही राकेश टिकैत ने ऐलान कर दिया कि जब तक समाधान नहीं होगा, किसान यहां से वापस घर नहीं लौटेंगे। उन्होंने किसानों से अपने टैंट, तम्बू के साथ यहीं पर झोपड़ी लगा लेने की अपील करते हुए कहा कि जो यहीं पर रात बिताएगा वहीं सच्चा आंदोलनकारी है।
किसानों ने राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान पर ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ झोपड़ी और खाने के लिए भट्टी भी लगा दी है। किसान यहां अपने-अपने ट्रैक्टर ट्रॉली पर झोपड़ी बनाकर और रात में रुकने का बिस्तर तथा आवश्यक सामान साथ में लेकर शनिवार की सुबह से राजकीय इंटर कॉलेज मैदान पर पहुंचने लगे थे।
वहीं राकेश टिकैट ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज पहला दिन है, हम आंदोलन की रूपरेखा बनाने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं। यहां पर आंदोलन कई करवट लेने जा रहा है। आज किसान बकाया गन्ना भुगतान नहीं मिलने, गन्ना मूल्य घोषित नहीं होने से मानसिक रूप से परेशान है। आवारा पशुओं की समस्या ने उसकी दिन रात की नींद और चैन छीन रखा है। सरकार कुछ भी नहीं कर पा रही है। ऐसे ही सवालों का जवाब लेने के लिए हम यहां बैठ रहे हैं। जब तक समाधान नहीं होगा, आंदोलन का यह टैंट अपने जगह पर कायम रहेगा। किसानों को यह आंदालन मजबूती के साथ चलाना होगा। उन्होंने कहा कि दो दिनों तक हम इस आंदोलन की रणनीति बनायेगे और इसके बाद इसे बड़ा रूप दिया जायेगा।
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि किसान यहां पर गाजीपुर बाॅर्डर से भी लंबा आंदोलन चलाने के लिए तैयार रहें। हमें शासन और प्रशासन के साथ लंबी लड़ाई लड़नी होगी। आंदोलन के दौरान मुजफ्फरनगर के साथ ही जनपद सहारनपुर, मेरठ, शामली और उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के पदाधिकारी तथा किसान यहां पहुंचे थे। रविवार को बिजनौर, मुरादाबाद और अन्य जनपदों के किसानों के आने की संभावना है। इनके रहने और खाने पीने का प्रबंध किया गया है। किसानों के पीने के लिए नगरपालिका की ओर से पानी के टैंक लगाये गए थे।
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