कामनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिला क्रिकेट ने बारबाडोस को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। इस टीम की तेज गेंदबाज मेघना सिंह उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले निवासी हैं। गांव कोतवाली देहात निवासी मेघना अभावों में पली-बढ़ी हैं लेकिन मेहनत और प्रतिभा के बल पर टीम इंडिया का हिस्सा बनी हैं।
बिजनौर, जागरण संवाददाता। ब्रिटेन के बर्मिंघम में चल रहे कामनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिला क्रिकेट टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई है। टीम की सफलता में जिले के गांव कोतवाली देहात की तेज गेंदबाज मेघना सिंह का भी योगदान है। मेघना ने बारबाडोस के खिलाफ अच्छी गेंदबाजी की। बेटी के प्रदर्शन से जिला और गांववासी खुश हैं।
बारबाडोस के खिलाफ 100 रन से जीती टीम इंडिया
भारतीय टीम ने तीसरा मैच बारबाडोस की टीम को 100 रन से हराकर जीता है। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट खोकर 162 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए बारबाडोस की टीम ने 20 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर मात्र 62 रन ही बना पाई। भारतीय टीम 100 रन से मैच जीत गई। टीम में शामिल तेज गेंदबाज मेघना सिंह ने शानदार प्रदर्शन किया। मेघना ने तीन ओवरों में 12 रन देकर एक विकेट हासिल किया।
पाकिस्तान को बैकफुट पर धकेला था मेघना ने
कामनवेल्थ गेम्स में बारबाडोस के खिलाफ मैच से पहले मेघना सिंह ने पाकिस्तान के खिलाफ हुए मैच में भी उम्दा प्रदर्शन किया था। भारतीय टीम ने भारतीय टीम इस मैच को आठ विकेट से जीती थी। मेघना सिंह ने पहले ही ओवर में पाकिस्तानी ओपनर इरम जावेद का विकेट हासिल किया था। इसके बाद पाकिस्तानी टीम बैकफुट पर आ गई थी।
अभावों में पली बढ़ी हैं मेघना
गांव कोतवाली देहात निवास विजय वीर सिंह एवं रीना देवी की पुत्री मेघना सिंह अभावों में पली बढ़ी हैं। पिता प्राइवेट नौकरी करते थे और मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता थीं। चार बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी मेघना को बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते देखा तो दादा प्रेमपाल वर्ष 2008 में उन्हें लेकर नेहरु स्टेडियम पहुंचे। उन्होंने तत्कालीन क्रिकेट कोच लक्ष्यराज त्यागी से उन्हें क्रिकेट का ककहरा सिखाने का अनुरोध किया।
लड़कों के साथ शुरू किया था बिजनौर में अभ्यास
एक जमाने में क्रिकेटर मोहम्मद कैफ के कोच रह चुके लक्ष्यराज त्यागी ने मेघना को क्रिकेट के गुर सिखाने शुरू किए। मेघना ने लड़कों के साथ अभ्यास करना शुरू किया। धीरे-धीरे मेघना की गेंदबाजी और बल्लेबाजी में निखार आने लगा। मीडियम पेसर मेघना की गेंदबाजी देख सीनियर खिलाड़ी भी चकित रह गए। उनकी गेंदबाजी बल्लेबाजों में खौफ पैदा कर देती तो बल्लेबाजी में वह गेंदबाजों के छक्के छुड़ा देतीं। ऐसे में प्रतिभा के बल पर वह एक दिन टीम इंडिया की सदस्य बन गईं।
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