सरफराज खान को भारतीय टीम में शामिल नहीं करने की आलोचना हो रही है (PIC: Sarfaraz Khan/Instagram)
नई दिल्ली. पूर्व भारतीय क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद सरफराज खान के वजन के बचाव में आए हैं. उन्होंने कहा है कि अगर वह घरेलू क्रिकेट में कई शतक बनाने के लिए फिट थे, तो यह फिटनेस की बात नहीं थी, बल्कि यह फर्स्ट क्लास क्रिकेट के मंच को गंभीरता से नहीं लेने की बात थी. भारत की टीम से बाहर होने के कुछ दिनों बाद ही मुंबई के बैटर ने मंगलवार, 17 जनवरी को चल रही रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के खिलाफ शानदार शतक लगाया. 2020 के बाद से सरफराज ने 12 शतक लगाए हैं, जिसमें एक तिहरा और दो दोहरे शतक शामिल हैं. हालांकि, उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें सीनियर स्तर पर मौके नहीं मिल पाए हैं.
वेंकटेश प्रसाद ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चुनी गई टेस्ट टीम में 25 वर्षीय क्रिकेटर को शामिल नहीं करने को ‘डोमेस्टिक क्रिकेट का अपमान’ कहा है. बीसीसीआई डोमेस्टिक क्रिकेट के ट्विटर हैंडल के एक ट्वीट का हवाला देते हुए अनुभवी बॉलर ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि सरफराज खान को उनकी फिटनेस के मामले में नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, यह कहते हुए कि ‘अधिक किलोग्राम वाले कई’ हैं.
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वेंकटेश प्रसाद ने लिखा, ”3 ब्लॉकबस्टर घरेलू सीजन के बावजूद टेस्ट टीम में उनका न होना न केवल सरफराज खान के लिए अनुचित है, बल्कि यह घरेलू क्रिकेट के लिए एक अपमान है, जैसे कि इस मंच से कोई फर्क नहीं पड़ता. और वह रन बनाने के लिए फिट है. जहां तक शरीर के वजन की बात है तो कई ऐसे हैं, जिनका किलो अधिक है.”
सरफराज खान दिल्ली के खिलाफ पहले दिन के खेल में 155 गेंदों में 125 रन बनाकर आउट हुए. उनकी शानदार पारी में 16 चौके और 4 बड़े छक्के शामिल थे. उन्होंने पहले दिन स्टंप तक मुंबई को स्कोरबोर्ड पर कुल 293 रन बनाने में मदद की. अपनी पारी के बाद मीडिया से बात करते हुए युवा खिलाड़ी ने टीम इंडिया में नहीं चुने जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि उनके पिता उन्हें प्रेरित करते रहे हैं.
सरफराज खान ने कहा, ”मेरे पिता यहां थे. मैंने गाजियाबाद में पिछले दो दिनों में उनके साथ अभ्यास किया. वह जानता थे कि मैं दुखी हूं इसलिए वह मुझसे मिलने मुंबई से आए. उन्होंने मुझसे कहा कि हमें सिर्फ रन बनाने की जरूरत है, चाहे फिर वो भारत के लिए हों या रणजी ट्रॉफी के लिए. अगर हम खेलते रहेंगे तो रन आते रहेंगे. वह मुझे प्रेरित करते रहते हैं और जब भी मैं दुखी होता हूं या निराश होता हूं तो मेरा मनोबल बढ़ाता हैं. वह मुझे हर स्थिति के लिए मानसिक रूप से तैयार करने में मदद करते हैं.”
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Tags: BCCI, India vs Australia, Ranji Trophy, Sarfaraz Khan, Venkatesh prasad
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