स्पोर्ट्स अनुदान में गोलमाल की नहीं हुई जांच फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी अफसर मौन।
श्लोक मिश्र, बलरामपुर :
जिले के परिषदीय स्कूलों में खेल सामग्री आपूर्ति में जमकर की गई धांधली की परत दर परत खुलने के बाद भी अफसर मौन हैं। आडियो वायरल होने पर कमीशनखोरी का खेल जगजाहिर होने के बाद भी विभाग के मुखिया व जिले के आला अधिकारी चुप्पी साधे हैं। मजे की बात तो यह है कि फर्जी रसीद बनवाने के चक्कर में गुरुजन यह भी भूल गए कि अगस्त 2020 में कोरोना काल चल रहा था। इस दौरान स्कूल बंद थे। स्पोर्ट्स अनुदान में सबसे ज्यादा खेल गैंसड़ी, पचपेड़वा, रेहराबाजार व हर्रैया सतघरवा शिक्षा क्षेत्र में हुआ है। खंड शिक्षा अधिकारियों ने संकुल शिक्षकों के माध्यम से खेल सामग्री की आपूर्ति कराकर प्रधानाध्यापकों से जबरन चेक वसूल लिए। साहब की अनुकंपा से खेल सामग्री आपूर्ति की फर्जी रसीदों को वैध ठहराकर क्लीन चिट दे दी गई है।
कोरोना काल में खरीद ली खेल सामग्री : नगर के पहलवारा मुहल्ला स्थित शिवांगी प्रिटर्स की दुकान से गैंसड़ी के उच्च प्राथमिक विद्यालय गौरा बगनहा के नाम से 10 हजार रुपये सामग्री खरीद की रसीद काट दी गई। जल्दबाजी का आलम यह था कि रसीद पर अंकित तिथि पर दुकानदार ने ध्यान दिया और न खरीदने वाले ने। 12 अगस्त 2020 की तिथि में यह रसीद काटी गई थी, जब कोरोना काल चल रहा था। इस तिथि को बदलना जिम्मेदार भूल गए।
ऐसे की जा रही धांधली :
-गैंसड़ी शिक्षा क्षेत्र में खेल सामग्री के बिना नाम की रसीद तैयार कराई जाती है। इसमें जीएसटी का विवरण नहीं होता है। साथ ही मांग के हिसाब से विद्यालय का नाम अंकित कर दिया जाता है। वाहिद बुक सेलर तुलसीपुर के यहां से प्रावि प्रेमनगर गैंसड़ी के नाम से मात्र 1845 रुपये की रसीद बनवाई गई है। अब पांच हजार स्पोर्ट्स अनुदान के सापेक्ष दो हजार की भी खरीद न होना सवालिया निशान है।
कराई जाएगी जांच :
-बीएसए डा. रामचंद्र का कहना है कि स्पोर्ट्स अनुदान के तहत खरीदी गई खेल सामग्री व फर्म की जांच कराई जाएगी। गोलमाल करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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